गुमसमतनहा बेठा होगा
सिगरट के कश भरता होगा
उसने खिड़की खोली होगी
और गली में देखा होगा
ज़ोर से मेरा दिल धड़का है
उस ने मुझ को सोचा होगा
सच बतलाना के़सा है वो
तुम ने उस को देखा होगा
मैं तो हँसना भूल गया हूँ
वो भी शायद रोता होगा
अपने घर की छत पे बेठा
शायद तारे गिनता होगा
ठंडी रात में आग जला कर
मेरा रास्ता तकता होगा
सुन्दर प्रयास। देखिये एक तात्कालिक तुकबंदी-
जवाब देंहटाएंअपने मिल जायेंगे जग में।
सही अर्थ में सजदा होगा।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
achchhi lagi aapki ghazal
जवाब देंहटाएंजोर से दिल....
जवाब देंहटाएंउसने मुझको सोचा होगा
अछ्छा कहा-परवेज जी
श्याम सखा
वाह............choti बहर की सुन्दर ग़ज़ल है...........लाजवाब शेर
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा कहा!!
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